01 सिटी जोन
सफाई एवं खाद्य निरीक्षक | श्री वी0पी0 शर्मा |
स्थायी सफाई कर्मचारियों की संख्या | 560 |
भिश्ती कर्मचारियों की संख्या | 10 |
अधिसंख्यक भिश्ती कर्मीयों की सं0 | 16 |
सफाई नायक | 19 |
दैनिक वेतन भोगी सफाई श्रमिक | 03 |
ठेका सफाई श्रमिक | 569 |
कुल योग | 1177 |
02 मोहन नगर
सफाई एवं खाद्य निरीक्षक | श्री संजीव |
स्थायी सफाई कर्मचारियों की संख्या | 134 |
दैनिक वेतन भोगी सफाई श्रमिक | 20 |
ठेका सफाई श्रमिक | 451 |
कुल योग | 605 |
03 वसुन्धरा जोन
सफाई एवं खाद्य निरीक्षक | श्री योगेन्द्र यादव |
स्थायी सफाई कर्मचारियों की संख्या | 144 |
दैनिक वेतन भोगी सफाई श्रमिक | 8 |
ठेका सफाई श्रमिक | 355 |
कुल योग | 507 |
04 विजय नगर जोन
सफाई एवं खाद्य निरीक्षक | श्री सुनील |
स्थायी सफाई कर्मचारियों की संख्या | 83 |
ठेका सफाई श्रमिक | 564 |
कुल योग | 647 |
05 कविनगर जोन
सफाई एवं खाद्य निरीक्षक | श्री उमेश प्रताप |
स्थायी सफाई कर्मचारियों की संख्या | 176 |
ठेका सफाई श्रमिक | 378 |
कुल योग | 554 |
प्रर्वतन विभाग - समस्त जोनों में अतिक्रमण/प्रवर्तन सम्बन्धी अभियान चलाये जाने हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा कर्मचारियों की तैनाती प्रवर्तन विभाग में की जाती है |
तहसीलदार | सफाई नायक श्री संजय |
स्थायी सफाई कर्मचारियों की संख्या | 37 |
कुल योग | 37 |
अतिरिक्त सफाई मृतक आश्रित व काशीराम योजना के अन्तर्गत श्रमिक | 106 |
कुल स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों की संख्या | 3633 |
स्थायी सीवर सफाई कर्मचारी की संख्या | 43 |
कुल योग | 3672 |
स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जा रहे कार्य
- 1. स्वास्थ्य विभाग का सबसे महत्पूर्ण कार्य नगर की साफ-सफाई हेतु सुचारु/नियमित रुप से कराने का है। जिससे शहर में गन्दगी का माहौल नही बन पाता है। संक्रमण रोगों के फैलने की स्थिति ना के बराबर होती है।
- 2. स्वास्थ्य विभाग में जन्म-मृत्यु का भी रजिस्ट्रेशन कराया जाता है।
- 3. सडकों की साफ सफाई कराकर कूडों का भी निदान किया जाता है।
- 4. समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा फॉगिंग मशीनों द्वारा शहर में दवाईयों का भी छिडकाव कराया जाता है। जिससे बीमारियों का प्रकोप कम होता है।
- 5. हिन्डन पर दाह संस्कार का भी कार्य नगर निगम के स्वास्थ्य द्वारा रजिस्ट्ररों के रिकार्ड किये जाते है।
- 6. बडे नाले व छोटे नालों की सफाई स्वास्थ्य विभाग द्वारा ही करायी जाती है।
- 7. गाजियाबाद नगर निगम क्षेत्रों में जितना भी कूडा होता है उसे स्वास्थ्य विभाग वाहनों के द्वारा एक चिन्हित स्थान पर डाला जाता है।
- 8. स्वास्थ्य विभाग द्वारा मन्दिरों से उत्पन्न पूजा सामग्री (वेस्ट) के निस्तारण हेतु विशेष व्यवस्था की गयी है।
- 9. स्वास्थ्य विभाग द्वारा भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन मे पूर्ण सहयोग किया जाता है।
जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र सम्बंधी दिशानिर्देश :-
- 1. नवजात का नाम वास्तविक स्थान के नाम पर मुन्ना,मुन्नी, गुडिया, पप्पू,पप्पी आदि बच्चे के जन्म के पंजीकरण के समय दर्ज नही करना चाहिये।
- 2. यदि नवजात के जन्म पंजीकरण के समय वास्तविक नाम नही लिखा है तो जन्म प्रमाण-पत्र जारी करते समय बच्चे के नाम का कॉलम डैश (-) किया जायेगा।
- 3. जन्म-मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 मे निहित प्राविधानों के अनुसार जन्म के पंजीकरण में नाम की प्रविष्टी पंजीकरण की तिथि से 12 महीने के अन्दर निःशुल्क हो सकती है।
- 4. राज्य नियमों के प्राविधनों के अंतरगत जन्म रजिस्टर में बच्चे के नाम की पृविष्टि 15 वर्ष के भीतर चिंहित फीस का भुगतान किये जाने पर किया जा सकता है।
- 5. यदि बच्चे का नाम जन्म प्रमाण-पत्र में अंकित किया गया है तो नाम परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।
- 6. जन्म अभिलेखो में बच्चे का नाम अंग्रेजी के बड़े अक्षरों (Capital Letters) में दर्ज किया जाना है ताकि नाम की स्पेलिंग की त्रुटियों से बचा जा सके।
- 7. यदि बच्चे का नाम बाद में जोडा जाता है और बच्चा स्कूल में अध्ययन कर रहा है तो स्कूल द्वारा प्रमाण-पत्र का पंजीकरण के समय सत्यापन किया जाना आवश्यक है।
- 8. पंजीकरण के समय माता पिता से स्वघोषण-पत्र लेंना आवश्यक है कि भविष्य में बच्चे का नाम परिवर्तित नहीं किया जायेगा।